राजस्थान के उद्योग
I सूती वस्त्र उद्योग:-
i दी कृष्णा मिल्स लिमिटेड -ब्यावर अजमेर में सेठ दामोदर दास द्वारा 1889में स्थापित।
ii एडवर्ड मिल्स लिमिटेड - ब्यावर अजमेर में सेठ दामोदर दास द्वारा 1906 में स्थापित।
iii महालक्ष्मी मिल्स लिमिटेड -ब्यावर अजमेर में सेठ दामोदर दास द्वारा 1925 में स्थापित।
iv मेवाड़ टेक्सटाइल्स मिल्स लिमिटेड - भीलवाड़ा में 1925 में स्थापित।
v महाराजा उम्मेद सिंह मील - पाली में 1942 में स्थापित। (यह राजस्थान की सबसे बड़ी मील है।)
vi विजय कॉटन मील - विजयनगर अजमेर 1947 में स्थापित।
एडवर्ड मील महालक्ष्मी मील व विजय कॉटन मील का सरकार द्वारा अधिग्रहण करके सार्वजनिक क्षेत्र में संचालन किया गया है राजस्थान में भीलवाड़ा के गुलाबपुरा व गंगापुरा तथा गंगानगर में सहकारी कताई मिलों की भी स्थापना की गई है ।1 अप्रैल 1993 को सहकारी क्षेत्र की सभी मिलों को संयुक्त कर इस SPINFED (राजस्थान राज्य सहकारी कताई संघ लिमिटेड) का गठन किया गया जिसका मुख्यालय जयपुर में स्थापित किया गया है। SPINFED के अंतर्गत गुलाबपुरा व गंगापुरा की सहकारी कताई मिलें गंगानगर सहकारी कताई समिति हनुमानगढ़ व गुलाबपुरा की एक जिनिंग मील आदि 4 इकाइयां शामिल की गई है ।
राजस्थान का मैनचेस्टर - भीलवाड़ा
पावर लूम क्लास्टर - भीलवाड़ा
हैंडीक्राफ्ट क्लस्टर - जोधपुर
कंप्यूटर ऐडेड डिजाइन सेंटर - भीलवाड़ा में स्थापित किया गया है।
II चीनी उद्योग:- 1932 द मेवाड़ शुगर मिल - भोपालसागर चित्तौड़गढ़ (यह राजस्थान की पहली मिल है)
1937 गंगानगर शुगर मिल - गंगानगर (1956 में इसे सार्वजनिक क्षेत्र में शामिल किया गया)
1965 सहकारी चीनी मिल - केशोरायपाटन बूंदी में स्थापित (वर्तमान में बंद)।
1976 उदयपुर शुगर मिल - उदयपुर में
नोटः गंगानगर शुगर मिल गन्ने के अलावा चुकंदर से भी चीनी बनाने का कार्य करती है जिसकी निम्न इकाईयाँ है-
अ जोधपुर ब अजमेर स प्रतापगढ़ द अटरू (बारां)
गंगानगर सुगर मील द्वारा झोटवाड़ा जयपुर में रॉयल हेरिटेज नाम से शाही शराब का भी उत्पादन किया जाता है । गंगानगर शुगर मिल कोटा में उदयपुर संभाग के आदिवासी जिलों में शराब का खुदरा विक्रय भी करती है द गंगानगर शुगर मिल द्वारा धौलपुर जिले में एक कांच की फैक्ट्री भी लगाई गई है।
III सीमेंट उद्योग:- राजस्थान में चूना पत्थर जिप्सम आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं जो सीमेंट उद्योग का आधारभूत कच्चा माल है।
राजस्थान में पहली सीमेंट फैक्ट्री लाखेरी बूंदी में स्थापित की गई ।
सीमेंट उत्पादन में राजस्थान का देश में प्रथम स्थान है ।सर्वाधिक सीमेंट उत्पादन की इकाई चित्तौड़गढ़ में है।
राजस्थान में कुछ सफेद सीमेंट के कारखाने भी स्थापित किए गए हैं-
1 गोटन नागौर - जेके व्हाइट सीमेंट कम्पनी द्वारा
2 खारिया खंगार जोधपुर - बिरला व्हाइट सीमेंट कंपनी द्वारा 3 भोपालगढ़ जोधपुर में बिरला व् जेके वाइट दोनों कंपनियों द्वारा
वर्तमान में लघु सीमेंट इकाइयों की स्थापना भी राजस्थान में की जा रही है जैसे -
नीमकाथाना - सीकर
नवलगढ़ - झुंझुनू
जैसलमेर - मियां की ढाणी, तुलसीराम की ढाणी एवं खींमसर खियाँ क्षेत्र ।
सोनू जैसलमेर में RSMML द्वारा एक बड़े सीमेंट कारखाने की स्थापना की जा रही है।
IV काँच उद्योग:- द हाईटेक प्रीसीजन ग्लास वर्क्स - धौलपुर में द गंगानगर शुगर मिल के अधीन सार्वजनिक मिल के रूप में कार्यरत ।
धौरपुर क्लास वर्क - धौलपुर
सेमकोट सेमटेल ग्लास फैक्ट्री - कोटा में टी.वी. की पिक्चर ट्यूब बनाने हेतु स्थापित की गई है ।
सैंट गोबैन कारखाना - कहरानी भिवाड़ी अलवर में स्थापित। सिरेमिक कॉम्पलेक्स - खारा बीकानेर में स्थापित किया गया है।
V ऊन उद्योग:- राज्य में 35 से 40% तक उत्पादन होता है स्टेट मूलन मील - बीकानेर
वर्स्टेड स्पिनिंग मिल - चुरू व् लाडनू
केंद्रीय ऊन विश्लेषण प्रयोगशाला - बीकानेर
केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड - जोधपुर
वूलन कॉन्प्लेक्स - बीकानेर व् ब्यावर
vi अभियांत्रिकी उद्योग - HMT (हिंदुस्तान मशीन टूल्स)- अजमेर (गाड़ी व ग्राइंडिंग मशीन का निर्माण करती है ।)
इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड - कोटा
नेशनल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज - जयपुर (बॉल बियरिंग का निर्माण करती है ।)
जयपुर मेटल - जयपुर ( बिजली के मीटर का निर्माण करती है)
कॅप्स्टन मीटरक - जयपुर व् पाली ( पानी के मीटर का निर्माण करती है)
vii उर्वरक उद्योग :- चंबल फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड - गढ़ेपान कोटा
श्रीराम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड- कोटा
नेशनल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल लिमिटेड - कपासन चितौड़गढ़
नोटः RSMML के सहयोग से डीएपी(DAP) खाद का कारखाना राइट एंड केमिकल लिमिटेड है।
VIII नमक उद्योग:-
सांभर साल्ट लिमिटेड (हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड)- सांभर जयपुर ( यह झीलों से नमक उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान में 8.7% उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर है।
राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स लिमिटेड - डीडवाना नागौर (यह कारखाना सोडियम सल्फेट व सोडियम सल्फाइड का उत्पादन करता है जो कि राज्य सरकार द्वारा स्थापित संयंत्र है।)
राजस्थान साल्टवर्क्स लिमिटेड -पचपदरा बाड़मेर (यहाँ से प्राप्त नमक में 98% खाने का नमक (सोडियम क्लोराइड)प्राप्त होता है यहां नमक उत्पादन का कार्य खारवाल जाति के लोग करते हैं यह लोग नमक बनाने के लिए मोरली झाड़ियों की टहनी का प्रयोग करते हैं।
राजस्थान में केंद्र सरकार के ऊपक्रम:-
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड - खेतड़ी
हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड - साम्भर जयपुर
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड - देबारी उदयपुर
हिंदुस्तान मशीन टूल्स - अजमेर
इंस्टूमेंटेशन लिमिटेड - कोटा
मोडर्न बेकरिज - जयपुर
राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्पुटिकल लिमिटेड - जयपुर
निर्यात संवर्धन औधोगिक पार्क (EPIP)
1 सीतापुर - जयपुर
2 बोरनाड़ा - जोधपुर
3 नीमराणा - अलवर
एग्रो फुड पार्क:-
1 रामपुरा - कोटा
2 बोरानाडा - जोधपुर
3 अलवर
4 उद्योग विहार - गंगानगर
जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क - सीतापुरा जयपुर
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क - कनकपुरा जयपुर
हार्डवेयर टेक्नोलॉजिकल पार्क - कूकस जयपुर
साइबर पार्क - जोधपुर
स्पाइस पार्क - जोधपुर व रामगंज मंडी कोटा
होजरी पार्क - चोंप की भिवाड़ी अलवर
एयरटेल पार्क - महल जगतपुरा जयपुर
लेदर कंपलेक्स - मानपुरा मोचेड़ी जयपुर
लेजर सिटी कंपलेक्स - अजरोल जयपुर
ऑटोमोबाइल पार्क - घाटोल भिवाड़ी अलवर
जापानी टेक्नोलॉजी पार्क - नीमराणा अलवर
कोरियन टेक्नोलॉजी पार्क - नीमराणा अलवर
स्टोन पार्क - मंडोर जोधपुर
स्टोन पार्क - मंडाना कोटा
स्टोन पार्क - धौलपुर व् करौली
मार्बल मंडी - किशनगढ़ अजमेर
C - DOS सेंट फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्टोन - सीतापुरा जयपुर सिरेमिक्स कॉम्पलेक्स - खारा बीकानेर
पुष्प पार्क - खुशखेड़ा अलवर
DMIC (दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर) दिल्ली मुंबई औधोगिक गलियारा :- दिल्ली मुंबई के बीच सम्पूर्ण क्षेत्र को औद्योगिक गलियारा के रूप में विकसित करने की योजना 2006 में प्रस्तुत की गई जिसे 2008 में मंजूर किया गया।
इस परियोजना में जापान की आर्थिक व तकनीकी सहायता मिल रही है इसमें दिल्ली से मुंबई के बीच सड़क व रेल मार्गों के साथ हवाई मार्गों के विकास हेतु 1483 किलोमीटर लंबा परिवहन गलियारा (फ्रंट कॉरिडोर) बनाया जा रहा है जिसका 39% भाग 578 किलोमीटर राजस्थान से गुजरता है ।
इस परियोजना में विभिन्न राज्यों में कुल 24 औद्योगिक केंद्र बनाए जाने हैं जो हरियाणा उत्तर प्रदेश राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात एवं महाराष्ट्र में होंगे । इन 24 केंद्रों में से 5 केंद्र राजस्थान में बनाए जाने हैं जिनमें से दो इन्वेस्टमेंट रीजन एवं तीन इंडस्ट्रियल एरिया होंगे।
इन्वेस्टमेंट रीजन (200 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र) :-
1 खुशखेड़ा- भिवाड़ी- नीमराणा -अलवर (प्रथम चरण में )
2 अजमेर- किशनगढ़
इंडस्ट्रियल एरिया:-
1 जयपुर- दोसा
2 भीलवाड़ा- राजसमंद
3 पाली -मारवाड़
इस परियोजना के प्रभाव क्षेत्र में राज्य का 58% क्षेत्रफल में 22 जिले शामिल होंगे।
अर्ली बर्ड प्रोजेक्ट:-
इस परियोजना में अर्ली बर्ड प्रोजेक्ट के रूप में कुछ कार्य शीघ्रता से किए जा रहे हैं जैसे नीमराणा को ग्लोबल सिटी के रूप में विकसित करना, शाहजहांपुर -बहरोड़ -नीमराना- भिवाड़ी- टपूकड़ा के बीच सेंट्रल स्पाइन का निर्माण करना, भिवाड़ी में शुष्क बंदरगाह का निर्माण करना तथा जयपुर के मनोहरपुरा में हवाई पट्टी का निर्माण करना।
I सूती वस्त्र उद्योग:-
i दी कृष्णा मिल्स लिमिटेड -ब्यावर अजमेर में सेठ दामोदर दास द्वारा 1889में स्थापित।
ii एडवर्ड मिल्स लिमिटेड - ब्यावर अजमेर में सेठ दामोदर दास द्वारा 1906 में स्थापित।
iii महालक्ष्मी मिल्स लिमिटेड -ब्यावर अजमेर में सेठ दामोदर दास द्वारा 1925 में स्थापित।
iv मेवाड़ टेक्सटाइल्स मिल्स लिमिटेड - भीलवाड़ा में 1925 में स्थापित।
v महाराजा उम्मेद सिंह मील - पाली में 1942 में स्थापित। (यह राजस्थान की सबसे बड़ी मील है।)
vi विजय कॉटन मील - विजयनगर अजमेर 1947 में स्थापित।
एडवर्ड मील महालक्ष्मी मील व विजय कॉटन मील का सरकार द्वारा अधिग्रहण करके सार्वजनिक क्षेत्र में संचालन किया गया है राजस्थान में भीलवाड़ा के गुलाबपुरा व गंगापुरा तथा गंगानगर में सहकारी कताई मिलों की भी स्थापना की गई है ।1 अप्रैल 1993 को सहकारी क्षेत्र की सभी मिलों को संयुक्त कर इस SPINFED (राजस्थान राज्य सहकारी कताई संघ लिमिटेड) का गठन किया गया जिसका मुख्यालय जयपुर में स्थापित किया गया है। SPINFED के अंतर्गत गुलाबपुरा व गंगापुरा की सहकारी कताई मिलें गंगानगर सहकारी कताई समिति हनुमानगढ़ व गुलाबपुरा की एक जिनिंग मील आदि 4 इकाइयां शामिल की गई है ।
राजस्थान का मैनचेस्टर - भीलवाड़ा
पावर लूम क्लास्टर - भीलवाड़ा
हैंडीक्राफ्ट क्लस्टर - जोधपुर
कंप्यूटर ऐडेड डिजाइन सेंटर - भीलवाड़ा में स्थापित किया गया है।
II चीनी उद्योग:- 1932 द मेवाड़ शुगर मिल - भोपालसागर चित्तौड़गढ़ (यह राजस्थान की पहली मिल है)
1937 गंगानगर शुगर मिल - गंगानगर (1956 में इसे सार्वजनिक क्षेत्र में शामिल किया गया)
1965 सहकारी चीनी मिल - केशोरायपाटन बूंदी में स्थापित (वर्तमान में बंद)।
1976 उदयपुर शुगर मिल - उदयपुर में
नोटः गंगानगर शुगर मिल गन्ने के अलावा चुकंदर से भी चीनी बनाने का कार्य करती है जिसकी निम्न इकाईयाँ है-
अ जोधपुर ब अजमेर स प्रतापगढ़ द अटरू (बारां)
गंगानगर सुगर मील द्वारा झोटवाड़ा जयपुर में रॉयल हेरिटेज नाम से शाही शराब का भी उत्पादन किया जाता है । गंगानगर शुगर मिल कोटा में उदयपुर संभाग के आदिवासी जिलों में शराब का खुदरा विक्रय भी करती है द गंगानगर शुगर मिल द्वारा धौलपुर जिले में एक कांच की फैक्ट्री भी लगाई गई है।
III सीमेंट उद्योग:- राजस्थान में चूना पत्थर जिप्सम आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं जो सीमेंट उद्योग का आधारभूत कच्चा माल है।
राजस्थान में पहली सीमेंट फैक्ट्री लाखेरी बूंदी में स्थापित की गई ।
सीमेंट उत्पादन में राजस्थान का देश में प्रथम स्थान है ।सर्वाधिक सीमेंट उत्पादन की इकाई चित्तौड़गढ़ में है।
राजस्थान में कुछ सफेद सीमेंट के कारखाने भी स्थापित किए गए हैं-
1 गोटन नागौर - जेके व्हाइट सीमेंट कम्पनी द्वारा
2 खारिया खंगार जोधपुर - बिरला व्हाइट सीमेंट कंपनी द्वारा 3 भोपालगढ़ जोधपुर में बिरला व् जेके वाइट दोनों कंपनियों द्वारा
वर्तमान में लघु सीमेंट इकाइयों की स्थापना भी राजस्थान में की जा रही है जैसे -
नीमकाथाना - सीकर
नवलगढ़ - झुंझुनू
जैसलमेर - मियां की ढाणी, तुलसीराम की ढाणी एवं खींमसर खियाँ क्षेत्र ।
सोनू जैसलमेर में RSMML द्वारा एक बड़े सीमेंट कारखाने की स्थापना की जा रही है।
IV काँच उद्योग:- द हाईटेक प्रीसीजन ग्लास वर्क्स - धौलपुर में द गंगानगर शुगर मिल के अधीन सार्वजनिक मिल के रूप में कार्यरत ।
धौरपुर क्लास वर्क - धौलपुर
सेमकोट सेमटेल ग्लास फैक्ट्री - कोटा में टी.वी. की पिक्चर ट्यूब बनाने हेतु स्थापित की गई है ।
सैंट गोबैन कारखाना - कहरानी भिवाड़ी अलवर में स्थापित। सिरेमिक कॉम्पलेक्स - खारा बीकानेर में स्थापित किया गया है।
V ऊन उद्योग:- राज्य में 35 से 40% तक उत्पादन होता है स्टेट मूलन मील - बीकानेर
वर्स्टेड स्पिनिंग मिल - चुरू व् लाडनू
केंद्रीय ऊन विश्लेषण प्रयोगशाला - बीकानेर
केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड - जोधपुर
वूलन कॉन्प्लेक्स - बीकानेर व् ब्यावर
vi अभियांत्रिकी उद्योग - HMT (हिंदुस्तान मशीन टूल्स)- अजमेर (गाड़ी व ग्राइंडिंग मशीन का निर्माण करती है ।)
इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड - कोटा
नेशनल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज - जयपुर (बॉल बियरिंग का निर्माण करती है ।)
जयपुर मेटल - जयपुर ( बिजली के मीटर का निर्माण करती है)
कॅप्स्टन मीटरक - जयपुर व् पाली ( पानी के मीटर का निर्माण करती है)
vii उर्वरक उद्योग :- चंबल फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड - गढ़ेपान कोटा
श्रीराम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड- कोटा
नेशनल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल लिमिटेड - कपासन चितौड़गढ़
नोटः RSMML के सहयोग से डीएपी(DAP) खाद का कारखाना राइट एंड केमिकल लिमिटेड है।
VIII नमक उद्योग:-
सांभर साल्ट लिमिटेड (हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड)- सांभर जयपुर ( यह झीलों से नमक उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान में 8.7% उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर है।
राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स लिमिटेड - डीडवाना नागौर (यह कारखाना सोडियम सल्फेट व सोडियम सल्फाइड का उत्पादन करता है जो कि राज्य सरकार द्वारा स्थापित संयंत्र है।)
राजस्थान साल्टवर्क्स लिमिटेड -पचपदरा बाड़मेर (यहाँ से प्राप्त नमक में 98% खाने का नमक (सोडियम क्लोराइड)प्राप्त होता है यहां नमक उत्पादन का कार्य खारवाल जाति के लोग करते हैं यह लोग नमक बनाने के लिए मोरली झाड़ियों की टहनी का प्रयोग करते हैं।
राजस्थान में केंद्र सरकार के ऊपक्रम:-
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड - खेतड़ी
हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड - साम्भर जयपुर
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड - देबारी उदयपुर
हिंदुस्तान मशीन टूल्स - अजमेर
इंस्टूमेंटेशन लिमिटेड - कोटा
मोडर्न बेकरिज - जयपुर
राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्पुटिकल लिमिटेड - जयपुर
निर्यात संवर्धन औधोगिक पार्क (EPIP)
1 सीतापुर - जयपुर
2 बोरनाड़ा - जोधपुर
3 नीमराणा - अलवर
एग्रो फुड पार्क:-
1 रामपुरा - कोटा
2 बोरानाडा - जोधपुर
3 अलवर
4 उद्योग विहार - गंगानगर
जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क - सीतापुरा जयपुर
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क - कनकपुरा जयपुर
हार्डवेयर टेक्नोलॉजिकल पार्क - कूकस जयपुर
साइबर पार्क - जोधपुर
स्पाइस पार्क - जोधपुर व रामगंज मंडी कोटा
होजरी पार्क - चोंप की भिवाड़ी अलवर
एयरटेल पार्क - महल जगतपुरा जयपुर
लेदर कंपलेक्स - मानपुरा मोचेड़ी जयपुर
लेजर सिटी कंपलेक्स - अजरोल जयपुर
ऑटोमोबाइल पार्क - घाटोल भिवाड़ी अलवर
जापानी टेक्नोलॉजी पार्क - नीमराणा अलवर
कोरियन टेक्नोलॉजी पार्क - नीमराणा अलवर
स्टोन पार्क - मंडोर जोधपुर
स्टोन पार्क - मंडाना कोटा
स्टोन पार्क - धौलपुर व् करौली
मार्बल मंडी - किशनगढ़ अजमेर
C - DOS सेंट फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्टोन - सीतापुरा जयपुर सिरेमिक्स कॉम्पलेक्स - खारा बीकानेर
पुष्प पार्क - खुशखेड़ा अलवर
DMIC (दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर) दिल्ली मुंबई औधोगिक गलियारा :- दिल्ली मुंबई के बीच सम्पूर्ण क्षेत्र को औद्योगिक गलियारा के रूप में विकसित करने की योजना 2006 में प्रस्तुत की गई जिसे 2008 में मंजूर किया गया।
इस परियोजना में जापान की आर्थिक व तकनीकी सहायता मिल रही है इसमें दिल्ली से मुंबई के बीच सड़क व रेल मार्गों के साथ हवाई मार्गों के विकास हेतु 1483 किलोमीटर लंबा परिवहन गलियारा (फ्रंट कॉरिडोर) बनाया जा रहा है जिसका 39% भाग 578 किलोमीटर राजस्थान से गुजरता है ।
इस परियोजना में विभिन्न राज्यों में कुल 24 औद्योगिक केंद्र बनाए जाने हैं जो हरियाणा उत्तर प्रदेश राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात एवं महाराष्ट्र में होंगे । इन 24 केंद्रों में से 5 केंद्र राजस्थान में बनाए जाने हैं जिनमें से दो इन्वेस्टमेंट रीजन एवं तीन इंडस्ट्रियल एरिया होंगे।
इन्वेस्टमेंट रीजन (200 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र) :-
1 खुशखेड़ा- भिवाड़ी- नीमराणा -अलवर (प्रथम चरण में )
2 अजमेर- किशनगढ़
इंडस्ट्रियल एरिया:-
1 जयपुर- दोसा
2 भीलवाड़ा- राजसमंद
3 पाली -मारवाड़
इस परियोजना के प्रभाव क्षेत्र में राज्य का 58% क्षेत्रफल में 22 जिले शामिल होंगे।
अर्ली बर्ड प्रोजेक्ट:-
इस परियोजना में अर्ली बर्ड प्रोजेक्ट के रूप में कुछ कार्य शीघ्रता से किए जा रहे हैं जैसे नीमराणा को ग्लोबल सिटी के रूप में विकसित करना, शाहजहांपुर -बहरोड़ -नीमराना- भिवाड़ी- टपूकड़ा के बीच सेंट्रल स्पाइन का निर्माण करना, भिवाड़ी में शुष्क बंदरगाह का निर्माण करना तथा जयपुर के मनोहरपुरा में हवाई पट्टी का निर्माण करना।
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